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💕मन ऐसा रखो कि
किसी को बुरा न लगे।💕
💕दिल ऐसा रखो कि
किसी को दुःखी न करें।
रिश्ता ऐसा रखो कि
उसका अंत न हो
👌कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है.
*🙏सुबह का मीठा मीठा नमस्कार*🙏
🍃 *जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हँसी और जीवन में ख़ुशी लाने की क्षमता रखता है..*🍃
*_ईश्वर उसके चेहरे से कभी हँसी और जीवन से ख़ुशी कम नहीं होने देता।_*
🍃🍃 *सुप्रभात*🍃🍃
🌷 *आपका दिन शुभ हो*🌷
[16/12 6:41 pm]
: 💞👌🏻💞👌🏻💞👌🏻💞👌🏻💞👌🏻 “दुनिया का सबसे अच्छा तोहफा “वक्त” है।
क्योंकी,
जब आप किसीको अपना वक्त देतें हैँ,
तो आप उसे अपनी “जिंदगी” का वह पल देतें हैं,
जो कभी लौटकर नहीं आता…
💞👌🏻💞👌🏻💞👌🏻💞👌🏻💞👌
...🌹Good Morning .🌹...
एक मतला दो शेर ----
फ़र्ज़ कैसा वो अदा करते है,
चोट देते हैं दवा करते है।।
देख कर दावे वफ़ा के झूठे,
कैसे मानू वो वफ़ा करते है।।
बात मैने जो कही लफ़्ज़ों में,
वो निगाहों से रज़ा करते है।।
😀. 😀😀. 😀. 😀
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कल का हासिल...
हम ख़ुदी जख्म हरा करते हैं।
और तब फिर दवा करते हैं।1
गुम हुआ नूर सभी देखो तो
दर्द जब आज बढ़ा करते हैं।2
क़ैद उम्मीद हुई जिसकी हो
कौन से लोग जिया करते हैं।3
राख की कोइ चिंगारी हूँ जो
आग में रोज़ जला करते हैं।4
लाख इल्ज़ाम यहाँ सह लेते हैं
अब यही यार खता करते हैं।5
वो लगा दाग गये दामन को.
अश्क से मेरी भिगा करते हैं।6
ज़िन्दगी बोझ न हो जाये ले
ख़ुशनुमा याद चला करते हैं।7
बारहा टूट मेरा दिल जाता है
आँख नम फिर हुआ करते हैं।8
आइना तोड़ दिया हमने सब
नाम जो तेरा लिखा करते हैं।9
बात हैरान हमें कर दे अक्सर
खास क्यूँ लोग दगा करते हैं।10
है नहीं साथ कही शामिल जो
भ्रम को पाल जिया करते हैं।11
छोड़ पूजा ना तिरे अपने दे
इसलिये चुपचाप रहा करते हैं।12
पूजा सिंह
क्या से क्या ये हो गया वल्लाह कमाल है
जो मेरा हाल था अभी वह उनका हाल है।
जो डालते थे हम पे हिकारत भरी नज़र
जीना हमारे बिन हुआ उनका मुहाल है।
हर कोई बशर फंसने को बेताब हो रहा
ऐसा हसीन यार महौब्बत का जाल है।
बैठे हैं दूर रूठ के तन्हाई मे सनम
या पास बुलाने की नई कोई चाल है।
आए हैं हम कहाँ से जाना है और कहाँ
होंठों पे आज अपने बस यह सवाल है।
दरिया को मिली मौजे गुल मे हैं खार क्यों
क्यों खुशनुमा ये ज़िन्दगी इतनी बबाल है।
पूछे न पूछें बंदे परवर दिगार को
मौला तो रखता अपने बच्चों का ख्याल है।
तिरा नाम दिल से मिटाया नही है
तुझे यूं नजर से गिराया नहीं है
महब्बत है तुम से जताया नहीं है
निगाहों ने पर कुछ छुपाया नहीं है
रहे दूर हम से खफा हैं वो लगते
कभी हाल अपना सुनाया नही है
बुला ले खुदा तू मुझे इस जहां से
जहां ने कभी भी हसाया नहीं है
बहारें सदा मुझ से रूठी ही रहती
तभी तो बगीचा सजाया नहीं है
कवीता शिकायत करे क्यों तुम्ही से इबादत में सर को झुकाया नहीं है
Hardev Bhai gujar
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